Valmiki Scam: आपको बता दें वाल्मीकि घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व कांग्रेसी मंत्री बी नागेंद्र और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम लेने वाले दो ईडी अधिकारियों के नाम पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है. यह एफआईआर सोमवार को दर्ज की गई थी. ईडी के अधिकारी उन पर मुख्यमंत्री, वित्त विभाग और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को घोटाले में फंसाने के लिए दबाव डाल रहे थे.
वहीं धन शोधन मामले में बेल्लारी ग्रामीण से कांग्रेस विधायक नाग्रेंद्र को ईडी की हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया. ईडी ने पूछताछ के बाद इस मामले में 12 जुलाई को नागेंद्र को गिरफ्तार किया था. घोटाले के सिलसिले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद कल्याण मंत्री नागेंद्र ने छह जून को पद से इस्तीफा दे दिया था. चलिए जानते हैं वाल्मीकि स्कैम केस के बारे में अन्य जानकारी विस्तार से…
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Valmiki Scam केस में हुई कड़ी पूछताछ:
ईडी अधिकारियों ने शिकायत दर्ज होने के बाद उन्हें 16 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था. आपको बता दें वे शांति नगर में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय गए और ईडी के सहायक निदेशक मुरली कन्नन के सामने अपना बयान दर्ज कराया था. आपको बता देना बनाना बयान की प्रति मागी तो कथित तौर पर उन्हें बयान की प्रति देने से मना कर दिया गया.
इसके अलावा कन्नन में उनसे कहा कि ईडी तुम्हारी मदद करेगी लेकिन उन्हें यह बात स्वीकार करनी पड़ेगी कि उन्होंने सरकार के सर्वोच्च अधिकारी और वित्त विभाग के कहने पर पैसे जमा किए थे. इसके बाद कल्लेश को आईआरएस के पास भेजा गया था.
कल्लेश ने आरोप लगाया और उनसे यह भी कहा गया कि अगर आप ईडी की मदद चाहते हैं, तो आपको लिखित में देना होगा कि आपने मुख्यमंत्री, नागेंद्र और वित्त विभाग के निर्देश पर पैसे जमा किए हैं और उन्होंने मुझ पर दबाव भी डाला है.
गिरातरी की मिली धमकी:
कलेश ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारी ने उनके बयानों का कोई समर्थन नहीं किया. हालांकि, उन्होंने मुझसे सवाल पूछना शुरू कर दिया. उन्होंने मुझे बताया कि निगम निधि को एमजी रोड शाखा में स्थानांतरित करना गलत था.
इसलिए मैंने उन्हें स्पष्ट किया कि मैंने 25 मार्च को सरकारी आदेश के अनुसार धन हस्तांतरित किया था, और निधि का अवैध हस्तांतरण 5 मार्च को किया गया था. मैंने कोई गलती नहीं की और मेरे स्पष्टीकरण के बाद, उन्होंने धमकी दी कि वे मुझे गिरफ्तार कर लेंगे और मुझे दो साल तक जमानत नहीं मिलेगी.