RBI Banking Rule: तो दोस्तों, जैसा की आप सब जानते है की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का केंद्रीय बैंक है जो भारत की मौद्रिक नीति और बैंकिंग सिस्टम को कंट्रोल करता है। RBI का मुख्य उद्देश्य देश में स्थिरता बनाए रखना और विकास को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए RBI समय-समय पर अलग अलग बैंकिंग नियम और दिशा-निर्देश जारी करता है। इन नियमों का पालन करना सभी बैंकों और संस्थानों के लिए अनिवार्य होता है। चलिए शुरू करते हैं आज के इस लेख को।
Cash Reserve Ratio (CRR):
कैश रिजर्व रेशियो वह रेशियो है जिसमें बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत RBI के पास नकद के रूप में जमा रखना पड़ता है। यह ratio RBI द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य बैंकों की लिक्विडिटी को नियंत्रित करना है।
Read More:- मजा आ गया… Hero की लॉन्च हुई नई इलेक्ट्रिक साइकिल सिर्फ स्मार्टफोन जितनी कीमत पर, सिंगल चार्ज पर चलेगी 70 Km
Statutory Liquidity Ratio (SLR):
स्टैच्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो वह रेशियो है जिसमें बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज), सोना, और नकदी के रूप में रखना पड़ता है। SLR का मुख्य उद्देश्य बैंकों की स्थिति को मजबूत बनाना और तरलता बनाए रखना है।
Repo Rate and Reverse Repo Rate:
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों से अल्पकालिक ऋण लेता है। इन दरों को समायोजित करके RBI बाजार में धन की आपूर्ति को कंट्रोल करता है।
Non Performing Assets (NPA):
RBI ने बैंकों के लिए नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स की परिभाषा और मानदंड निर्धारित किए हैं। NPA वे ऋण होते हैं जिन पर बैंक को 90 दिनों से अधिक समय तक ब्याज या मूलधन प्राप्त नहीं हुआ हो। बैंकों को अपने NPA की नियमित समीक्षा करनी होती है और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने होते हैं।
Customer Service and Grievance Redressal:
RBI ने बैंकों के लिए ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करने के लिए एक विशेष विभाग बनाना होता है और उन्हें समयबद्ध तरीके से समाधान प्रदान करना होता है। इसके लिए RBI ने बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) की व्यवस्था भी की है।
Digital Banking and Cyber Security:
डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते उपयोग के साथ RBI ने साइबर सुरक्षा के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बैंकों को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अलग अलग उपाय करने होते हैं जैसे कि two-factor authentication, data encryption, and monitoring of cyber attacks.