Income Tax: यदि कोई इसे ऑप्ट-आउट नहीं करता है तो यह डिफाल्टर की श्रेणी में लागू हो जाएगा और इससे कई सारे फायदे और नुकसान होने वाले हैं चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी। वित्त मंत्रालय ठीक से छूट देने का ऐलान कर रही है जहां पर सूत्रों के अनुसार पता चला है की व्यवस्था टैक्स रिज्यूम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन कटौती सीमा बढ़ाने पर सूचना जारी करी गई है।
इसके अतिरिक्त जानकारी में पाया गया है कि तीसरे कार्यकाल के दौरान पहला बजट जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा मिडिल क्लास को छूट देने के लिए ऐलान किया जा सकता है। वहीं वर्ष 2023 के बजट में वित्त मंत्री जी की ओर से डिजाइन के तहत सैलरी पर कार्य करने वाले टैक्स अपीयर्स और पेंशनधारियों के लिए ₹50000 तक स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव निर्धारित किया गया था। I
Income Tax
ऑप्ट-आउट नहीं होने की स्थिति में यह लागू किया जा सकता है इसका मतलब डिफाल्टर यानी कि खुद ही लागू हो सकता है। इसके अतिरिक्त धारा 87 एक्ट के तहत 7 लाख रुपए तक की टैक्सी योग्य इनकम के लिए बड़ी छूट मिलने वाली है और नई रिज्यूम के अनुसार इससे रासचार्ज भी हटा दिया जा सकता है। सैलरी पर कार्य करने वाले सभी मिडिल क्लास व्यक्तियों के लिए मेडिकल और ट्रांसपोर्ट में सहायता होगी और स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में ₹40000 तक की कर दी गई है और इसे व्हाट्सएप्प 2019 में बढ़कर ₹50000 का कर दिया गया था।
वर्तमान समय में कॉस्ट ऑफ लिविंग और इन्फ्लेशन को देखते हुए इसकी कोई पर्याप्त लिमिट की जानकारी सामने नहीं आई है हालांकि इसे बढ़ाकर कम से कम ₹100000 तक किया जा सकता है।
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Income Tax: जानकारी के लिए बता दे की सरकार की ओर से आम बजट को लेकर समय-समय पर काफी उम्मीदें सामने आती है जहां पर हर वर्ष आयकर दाता को यह उम्मीद रहती है कि उन्हें टैक्स से छूट और कई प्रकार की रियायत कब दी जाएगी। जिसके तहत किसी भी बड़े टैक्स छूट पर भारत सरकार की ओर से टैक्स से लैब में कई प्रकार के बदलाव किए जाते हैं और इन बदलावों का असर आम जनता पर होता है। जानकारी के लिए बता दिया जाए की इस बार नहीं सरकार के गठन होने के बाद जुलाई महीने में बजट पेश होने की संभावना है और फिर से लोगों की उम्मीद है कि इस बार सरकार की ओर से इनकम टैक्स में जरूरी रियायत मिलेगी।